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भारत सरकार ने भारतीय COVID-19 वैक्सीन के विकास में तेज़ी लाने के लिये 900 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज के साथ मिशन COVID सुरक्षा की शुरुआत की है। COVID सुरक्षा मिशन के पहले चरण के 12 माह की अवधि के लिये 900 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। यह अनुदान, भारतीय COVID-19 वैक्सीन के अनुसंधान और विकास (R&D) के लिये जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) को प्रदान किया जाएगा। अब तक कुल 5 वैक्सीन कैंडिडेट्स मानव परीक्षण के चरण में हैं। कोविशील्ड: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका COVID-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) के तीसरे चरण का परीक्षण आयोजित किया जा रहा है। कोवाक्सिन: भारत बायोटेक कंपनी द्वारा इस वैक्सीन को ‘भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद’ (ICMR) तथा ‘राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान’ (NIV) के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। ZyCoV-D: ज़ाइडस कैडिला फर्म द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित वैक्सीन ZyCoV-D ने देश में नैदानिक परीक्षण के दूसरे चरण को पूरा कर लिया है। स्पुतनिक वी: रूस द्वारा निर्मित वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) के संयुक्त चरण 2 और चरण 3 के नैदानिक परीक्षण भारत में जल्द ही शुरू किये जाएंगे। BNT162b2: भारत सरकार अमेरिकी कंपनी फाइज़र द्वारा विकसित वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों के संचालन हेतु प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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