1856
1835
1839
1890
तत्वबोधिनी सभा की स्थापना देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने कलकत्ता में 6 अक्टूबर, 1839 को की थी। इस सभा का उद्देश्य धार्मिक विषयों पर चिन्तन तथा उपनिषदों के सार का प्रसार करना था। आरम्भ में इसका नाम 'तत्त्वरंजिनी सभा' था और यह ब्रह्म समाज से टूटकर अलग हुए कुछ लोगों द्वारा स्थापित एक संघ था। बाद में इसका नाम तत्त्वबोधिनी सभा कर दिया गया। 1859 में पुनः इस सभा का विलय ब्रह्म समाज में कर दिया गया।
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