प्राकृतिक, सांस्कृतिक व सामाजिक पर्यावरण के बीच संबंधों को पहचानने व समझने में बच्चों को प्रशिक्षित करना।
पर्यावरणीय समझ के द्वारा बच्चों में सटीक संख्यात्मक कौशलों का विकास करना।
विशेषत: प्राकृतिक के प्रति बच्चे की जिज्ञासा एवं सृजनात्मकता का बढ़ावा देना।
अवलोकन, वर्गीकरण और निष्कर्ष निकालने आदि प्रक्रियाओं के माध्यम से बुनियादी संज्ञानात्मक और गत्यात्मक कौशल प्राप्त करने के लिए खोजबीन से जुड़ी और हाथों से करने वाले कार्यों में बच्चों को संलग्न करना ।
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