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हस्तिदन्त
पट्टवस्त्र
रत्न
तैल
वह श्रेणी जो कुमारगुप्त के काल में लाट से आकर दशपुर में बस गई थी। वह पटवस्त्र के व्यापार में संलग्न थी। गुप्तकालीन व्यापार और वाणिज्य में कुषाण काल की तुलना में गिरावट के लक्षण भी मिलते हैं।
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