भाग
बलि
भुक्ति
उद्रंग
मौर्य काल में आय का मुख्य स्रोत भूमिकर था। यह सिद्धान्ततः उपज का 1/6 था, परन्तु व्यवहार में यह 25% तक हो जाता था। जैसा कि अर्थशास्त्र एवं यूनानी प्रमाणों से ज्ञात होता है। भूमिकर को ‘भाग कहा जाता था। समाहर्ता नामक पदाधिकारी करों को एकत्र करने तथा आय- व्यय का लेखा रखने के लिए उत्तरदायी होता था। इसी प्रकार बलि भाग के अतिरिक्त कृषकों से लिया जाने वाला एक उपकर था। उद्रंग गुप्त काल का भूमि कर था। जो उपज का 1/6 भाग होता था। जबकि भुक्ति गुप्तकाल में प्रान्तों को कहा जाता था।
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