अशोक का कौन सा अभिलेख धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धान्त को समर्पित है -

  • 1

    द्वितीय शिलालेख

  • 2

    षष्ठ शिलालेख

  • 3

    द्वितीय स्तम्भ लेख

  • 4

    द्वादश शिलालेख

Answer:- 4
Explanation:-

12 वें शिलालेख में अशोक ने सभी सम्प्रदायों की सार वृद्धि पर बल दिया है। 12 वें शिलालेख में वह कहता है कि ‘मनुष्य को अपने धर्म की प्रशंसा और दूसरे धर्म की अकारण निन्दा नहीं करनी चाहिए। एक न एक कारण से अन्य धर्मों का आदर करना चाहिए। ऐसा करने पर मनुष्य अपने संप्रदाय की वृद्धि करता है तथा दूसरे के सम्प्रदाय का उपकार करता है। इसके विपरीत स्थिति में वह अपने सम्प्रदाय को क्षीण तथा दूसरे के सम्प्रदाय का अपकार करता है।

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