व्यापार
खदान
पशुपालन
कृषि
मौर्यकाल में सीताध्यक्ष राजकीय कृषि विभाग का अध्यक्ष था। राजकीय कृषि से होने वाली आय को कौटिल्य ने सीता कहा है। संस्थाध्यक्ष व्यापारिक मार्गों का अध्यक्ष था। अकराध्यक्ष खदान विभाग का अध्यक्ष था तथा गो-अध्यक्ष पशुधन विभाग का अध्यक्ष था। विवीताध्यक्ष चारागाहों का अध्यक्ष था।
Post your Comments