एशियाई शेरों की संख्या में वृद्धि
एशियाई शेरों की संख्या में कमीं
एशियाई शेरों का संरक्षण
एशियाई शेरों में कोविड-19 संक्रमण
हाल ही में हैदराबाद के नेहरू प्राणी उद्यान (Nehru Zoological Park) में आठ एशियाई शेरों (Asiatic Lion) में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है।
यह भारत में इस प्रकार का पहला ज्ञात मामला है।
इससे पूर्व वर्ष 2020 में बाघ के कोविड-19 से संक्रमित होने की सूचना न्यूयॉर्क (ब्रोंक्स चिड़ियाघर) में दर्ज की गई थी।
एशियाई शेर, जिसे फारसी शेर या भारतीय शेर के नाम से भी जाना जाता है, पैंथेरा लियो पर्सिका (Panthera Leo Persica) उप-प्रजाति का सदस्य है, जो कि मूलतः भारत तक सीमित है।
पूर्व में ये पश्चिम और मध्य पूर्व एशिया में भी पाए जाते थे, लेकिन इन क्षेत्रों में आवासीय क्षति के कारण ये विलुप्त हो गए।
एशियाई शेर, अफ्रीकी शेरों की तुलना में थोड़े छोटे होते हैं।
एशियाई शेर, जिसे फारसी शेर या भारतीय शेर के नाम से भी जाना जाता है, पैंथेरा लियो पर्सिका (Panthera Leo Persica) उप-प्रजाति का सदस्य है, जो कि मूलतः भारत तक सीमित है।
पूर्व में ये पश्चिम और मध्य पूर्व एशिया में भी पाए जाते थे, लेकिन इन क्षेत्रों में आवासीय क्षति के कारण ये विलुप्त हो गए।
एशियाई शेर, अफ्रीकी शेरों की तुलना में थोड़े छोटे होते हैं।
एशियाई शेरों में पाए जाने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण रूपात्मक विशेषता यह है कि उनके पेट की त्वचा पर विशिष्ट लंबवत फोल्ड होते हैं। यह विशेषता अफ्रीकी शेरों में काफी दुर्लभ होती है।
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