भारत
चीन
मैक्सिको
फिलीपींस
हाल ही में जारी विश्व बैंक के माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ के अनुसार, भारत प्रेषित धन का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा। कुल प्रेषित धन के रुप में 83 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्राप्त किया। (2019 से 0.2% कम) वर्ष 2020 में भारत को प्रेषित धन में कमीं यू.ए.ई. से 17% कम प्राप्ति के कारण। क्रमशः स्थान → भारत, चीन, मैक्सिको, फिलीपींस, मिस्र, पाकिस्तान, फ्रांस तथा बांंग्लादेश आदि। संयुक्त राज्य अमेरिका (68 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से प्रेषित धन का बहिर्वाह सर्वाधिक था। इसके बाद यू.ए.ई., सऊदी अरब, स्विटजरलैंड, जर्मनी तथा चीन का स्थान है। प्रेषित धन या रेमिटेंस » प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी (सामान्यतः एक देश से दूसरे देश में) को भेजा जाता है। रेमिटेंस भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि करता है और इसके चालू खाते के घाटे के लिये धन जुटाने में मदद करता है। विश्व बैंक → अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) के दौरान हुई थी। अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) को ही विश्व बैंक कहा जाता है। सदस्य → वर्तमान में 189 देश इसके सदस्य हैं। भारत भी इसका एक सदस्य है।
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