हाल ही में आई.आई.टी. रोपण, पंजाब और ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधानकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’ विकसित किया है यह संबंधित है -

  • 1

    घुसपैठियों का पता लगाने के लिये

  • 2

    ऑनलाइन फरेबी का पता लगाने के लिये

  • 3

    फेक वैक्सिनेशन का पता लगाने के लिये

  • 4

    नक्सलियों का पता लगाने के लिये

Answer:- 2
Explanation:-

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़, पंजाब और मॉनाश यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधानकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’नामक एक ऐसा अनोखा डिटेक्टर ईजाद किया है, जो किसी भी ऑनलाइन फरेबी का पता लगा सकता है। विदित हो कि ऐसे फरेबी बिना किसी की जानकारी के वर्चुअल सम्मेलन में घुस जाते हैं। इस तकनीक के जरिये सोशल मीडिया में भी फरेबियों को पकड़ा जा सकता है। मौजूदा महामारी के दौर में ज्यादातर कामकाज और आधिकारिक बैठकें ऑनलाइन हो रही हैं। इस अनोखी तकनीक से पता लगाया जा सकता है कि किस व्यक्ति के वीडियो के साथ छेड़-छाड़ की जा रही है या वीडियों कॉन्‍फ्रेंस के दौरान कौन घुसपैठ कर रहा है। इस तकनीक से पता चल जायेगा कि कौन फरेबी वेबीनार या वर्चुअल बैठक में घुसा है। वीडियो या विजुअल हेरफेर करने को ‘डीपफेक्स’कहा जाता है। ऑनलाइन परीक्षा या नौकरी के लिये होने वाले साक्षात्कार के दौरान भी इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।

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