बाल्टोरा ग्लेशियर से
अंटार्कटिका ग्लेशियर से
साइबेरिया ग्लेशियर से
अथाबास्का ग्लेशियर से
एक हिमखंड हाल ही में अंटार्कटिका महाद्वीप से टूट कर अलग हुआ है। यह हिमखंड (iceberg) अब दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड है। इसे A-76 नाम दिया गया है। यह आइसबर्ग 170 किलोमीटर लंबा और 25 किलोमीटर चौड़ा है। इस आइसबर्ग को कॉपरनिकस सेंटिनल (Copernicus Sentinel) नामक एक यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के उपग्रह द्वारा देखा गया था। यह आइसबर्ग अब वेडेल सागर (Weddell Sea) पर तैर रहा है। वेडेल सागर पश्चिमी अंटार्कटिक में एक बड़ी खाड़ी है। समुद्र तल पर हिमखंड का प्रभाव → हर बार जब अंटार्कटिका से कोई हिमखंड निकलता है, तो यह समुद्र के स्तर को बढ़ा देता है। हालाँकि, इस मामले में, जिस बर्फ की शेल्फ़ से यह बर्ग टूट कर अलग हुआ है, वह पहले से ही पानी पर तैर रही थी। जिस आइस शेल्फ़ से A-76 टूट कर अलग हुआ है, उसे रोन आइस शेल्फ़ (Ronne Ice Shelf) कहा जाता है। A-76 के पूर्ववर्ती (Predecessor of A-76) → A-76 से पहले, A-74 हिमखंड अंटार्कटिका से निकला था। ये दोनों घटनाएँ प्राकृतिक थीं। अंटार्कटिका में निश्चित अंतराल पर बर्फ का जमना और फिर से बढ़ना खण्डों में टूटना स्वाभाविक रूप से होता रहता है। यह प्रक्रिया क्षेत्र में बर्फ के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है। हालांकि, इस क्षेत्र में गर्म पानी की आमद इस प्राकृतिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है और उस दर को बढ़ा रही है जिस पर हिमखंड टूटते हैं। अथाबास्का ग्लेशियर » कनाडा बाल्टोरा ग्लेशियर » एशिया साइबेरिया ग्लेशियर » रुस अंटार्कटिका में बर्फ की चादरें 2060 तक जलवायु परिवर्तन बिंदु की ओर बढ़ रही हैं।
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