अमेरिका और इजराइल
भारत और ईरान
सऊदी अरब और पाकिस्तान
चीन और रुस
हाल ही में चीन और रूस ने सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजना लांच की। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और चीनी राष्ट्रपति शी जिंग पिंग (Xi Jing Ping) ने इस समारोह में भाग लिया।
2018 में, रूस और चीन ने परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
1. शुदापु परमाणु ऊर्जा संयंत्र (इकाई 3 और इकाई 4)
2. तियानवान परमाणु ऊर्जा संयंत्र (इकाई 7 और इकाई 8)
चीन की परमाणु शक्ति →
अप्रैल 2021 तक, चीन में 39 परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं। .इसके साथ चीन परमाणु शक्तियों के बीच तीसरे स्थान पर है। दूसरी ओर चीन अपनी तीसरी पीढ़ी की परमाणु तकनीक Hualong Two को भी आगे बढ़ा रहा है। चीन ने 2035 तक 200 गीगावॉट परमाणु क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
भारत की परमाणु शक्ति →
1940 ई. के दौरान देश के यूरेनियम और थोरियम संसाधनों के प्रयोग के लिए तीन चरण वाले परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का गठन किया गया।
वर्तमान मे कुल 22 परमाणु ऊर्जा संयंत्र कार्यरत हैं।
1. तारापुर (महाराष्ट्र) → यह भारत का प्रथम परमाणु विद्युत संयत्र है। (संयुक्त राज्य अमेरिका 1972)
2. रावतभाटा (राजस्थान) → स्वदेशी तकनीक से विकसित। (कनाडा)
3. कुडनकुलम (तमिलनाडु)
4. कैगा (कर्नाटक)
5. काकरापार (गुजरात)
6. कलपक्कम (तमिलनाडु)
7. नरोरा (उत्तर प्रदेश)
परमाणु ऊर्जा संयंत्र →
भारत में डा होमी जहाँगीर भाभा की अध्यक्षता में परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना 1948 में की गई, एवं इसी के साथ भारत में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
वर्ष 1954 में परमाणु ऊर्जा विभाग की गई इस विभाग का कार्य परमाणु ऊर्जा की नीतियों का क्रियान्वित करना था।
1967 मे मुम्बई में परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान ट्राम्बे की स्थापना की गई, जिसे वर्तमान में भाभा परमाणु अनुसन्धान केन्द्र के नाम से जाना जाता है।
1969 में भारत के प्रथम विद्युत् ऊर्जा सयन्त्र तारापुर का व्यावसायिक परिचालन अमेरिका के सहयोग से प्रारंभ हुआ।
18 मई 1974 को भारत द्वारा पोखरण में प्लूटोनिक परमाणु ईंधन का परीक्षण किया गया।
1983 में परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड की स्थापना हुई।
1987 में भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड की स्थापना की गई जिसका लक्ष्य था भारत के परमाणु कार्यक्रम का विस्तार करना।
वर्ष 1998 में 11 एवं 13 मई को भारत द्वारा द्वितीय परमाणु परीक्षण किया गया जिसे शक्ति -98 नाम दिया गया।
राजस्थान परमाणु ऊर्जा सयन्त्र की यूनिट-5, अगस्त 2012 से प्रारंभ होकर लगातार दो वर्षों से अधिक समय तक चलने का विश्व रिकार्ड बनाया।
2014 में भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के मध्य असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हुए है। परमाणु अप्रसार सन्धि से बाहर रहने वाले देशों में भारत अकेला ऐसा देश है, जिसे परमाणु हथियार सम्पन्न देशों के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापार करने की सुविधा प्राप्त है।
विभिन्न देशों के साथ हुए असैन्य परमाणु करार के बाद भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास की सम्भावनाएँ काफी बढ गई है। आज अमेरिका सहित कई देशों से परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को सहयोग मिल रहा है।
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