बायोमास के उपयोग पर
सौर ऊर्जा के उपयोग पर
महामारी की त्वरित जाँच के लिए
वैश्विक तापन को कम करने के लिए
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में ‘बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन’ (National Mission on use of Biomass) स्थापित करने की घोषणा की है। खेतों में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए यह निर्णय लिया गया है। बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on use of Biomass) → यह मिशन तापीय उर्जा (thermal power) उत्पादन के कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करेगा। यह देश भर में ऊर्जा परिवर्तन में भी मदद करेगा और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत स्थापित करने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगा। थर्मल पावर प्लांटों से उच्च कार्बन-न्यूट्रल बिजली उत्पादन प्राप्त करने के लिए को-फायरिंग के स्तर को वर्तमान 5% से बढ़ाकर उच्च स्तर तक किया जाएगा। यह मिशन बायोमास पेलेट्स और कृषि अवशेषों की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं को दूर करने के लिए मंच की सुविधा प्रदान करेगा, जिसमें बिजली संयंत्रों को परिवहन भी शामिल है। यह बायोमास को-फायरिंग में नियामक मुद्दों पर विचार करेगा। यह मिशन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme) में भी योगदान देगा। संचालन समिति (Steering Committee) → इस मिशन का संचालन एक संचालन समिति द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता उर्जा सचिव करेंगे, जिसमें सभी हितधारक, पेट्रोलियम और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme – NCAP) → NCAP को सरकार द्वारा पूरे भारत में वायु प्रदूषण की समस्या से व्यापक तरीके से निपटने के लिए लॉन्च किया गया था। यह 2024 तक पार्टिकुलेट मैटर सांद्रता में 20% से 30% की कमी प्राप्त करने का प्रयास करेगा।
Post your Comments