सूर्य से आने वाले इलेक्ट्रो मैग्नेटिक किरणें
सूर्य की सतह पर उठ रहे सौर तूफान
सूर्य के चारों ओर इन्द्रधनुष
सूर्य सतह पर काले धब्बे
हाल ही में, बेंगलुरु में एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली घटना – सूर्य के चारों ओर इंद्रधनुष के समान रचना का निर्माण- देखी गई। सूर्य के चारों ओर इस वृत्ताकार इंद्रधनुष को ‘सूर्य प्रभामंडल’ (Sun halo) के रूप में जाना जाता है। ‘सूर्य प्रभामंडल’ क्या होता है और यह किस प्रकार निर्मित होता है? सूर्य के चारों ओर दिखाई देने वाला प्रभामंडल एक 22–डिग्री का वलय है, जोकि श्वेत प्रकाश किरणों के ऊपरी स्तर के पक्षाभ मेघों (Cirrus Clouds) में उपस्थित बर्फ के क्रिस्टलों से होकर गुजरने पर प्रकाश का प्रकीर्णन होने के कारण दिखाई देता है, और इसी वजह से प्रभामंडल में इन्द्रधनुषी रंग दिखाई देते है। बादलों में लाखों छोटे बर्फ के क्रिस्टल मौजूद होते हैं, जिनसे होकर गुजरने पर प्रकाश का अपवर्तन, प्रकीर्णन तथा परावर्तन होता ही, और एक गोलाकार इंद्रधनुष वलय का आभास होता है। प्रभामंडल दिखाई देने के लिए, ये क्रिस्टल दृष्टि के अनुरूप, उन्मुख और अवस्थित होने चाहिए। इसी तरह, चंद्र प्रभामंडल (Lunar Halos) क्या होता है? चंद्रमा के चारों ओर देखे जाने वाले ‘चंद्र प्रभामंडल’ अधिकांशतः रंगहीन होते हैं क्योंकि चंद्रमा का प्रकाश अर्थात चांदनी बहुत चमकदार नहीं होती है।
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