केवल 3 सत्य है
केवल 2 सत्य है
केवल 1 सत्य है
केवल 1 और 3 सत्य है
26 मई को ‘पूर्ण चंद्र ग्रहण’ (Total lunar eclipse) तथा ‘सुपरमून’ (Supermoon), दो खगोलीय घटनाएं घटित होंगी। सुपरमून और पूर्ण चंद्रग्रहण की घटनाएं लगभग छह वर्षों के पश्चात एक साथ हो रही हैं। ‘सुपरमून’ क्या है? जिस समय चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक होता है, और साथ ही अपने पूर्ण आकार में होता है, तब इस स्थिति को ‘सुपर मून’ (Supermoon) कहा जाता है। पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक होने की वजह से, इस स्थिति में चंद्रमा अपने सामान्य आकार से अधिक बड़ा दिखाई देता है। किसी एक विशिष्ट वर्ष में, लगातार दो से चार पूर्ण सुपरमून (Full Supermoons) की घटनाएँ हो सकती हैं। अन्य महत्वपूर्ण तथ्य → चंद्रमा द्वारा पृथ्वी की परिक्रमा के दौरान, एक ऐसी स्थिति आती है, जिसमे दोनों के मध्य दूरी सबसे कम (औसतन लगभग 360,000 किमी) होती है, अर्थात चंद्रमा और पृथ्वी एक-दूसरे के सर्वाधिक नजदीक होते है। इस स्थिति को ‘उपभू’ अथवा पेरिजी (Perigee) कहा जाता है। तथा, पृथ्वी की परिक्रमा के दौरान चंद्रमा, जब पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी (लगभग 405,000 किमी) पर होता है, तो इसे ‘अपभू’ अथवा ऐपोजी (Apogee) कहा जाता है।
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