यह एक खानाबदोश समुदाय हैं।
वे परंपरागत रूप से सूअर पालन करते हैं।
यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू और कश्मीर जैसे हिमालयी राज्यों की तलहटी में रहते है।
उपरोक्त सभी सही है।
वन गुज्जर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू और कश्मीर जैसे हिमालयी राज्यों की तलहटी के जंगल में रहने वाले खानाबदोश समुदाय हैं। आमतौर पर वे अपनी भैंसों के साथ ऊपरी हिमालय में स्थित बुग्यालों (घास के मैदानों) में चले जाते हैं और केवल मानसून के अंत में तलहटी में अपनी अस्थायी झोपड़ियों (डेरों) में लौटते हैं। वे परंपरागत रूप से भैंस पालन करते हैं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ‘गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान’ से कुछ वन गुज्जर परिवारों को हटाने के लिये राज्य सरकार को फटकार लगाई और कहा कि अधिकारियों द्वारा उनके जीवन के अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है। हालाँकि वन गुज्जरों के पास गर्मियों (गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान) और सर्दियों के घरों के लिये वैध परमिट हैं परंतु उन्हें अधिकारियों द्वारा पार्क में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत पशुपालकों के अधिकार,इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि चरागाहों के पास भी सामुदायिक वन संसाधन तथा चरागाहों तक पहुँचने का अधिकार हो, जिसके वे पात्र हैं। उच्च न्यायालय गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित बुग्याल (हिमालयी अल्पाइन घास के मैदान) में अपने ग्रीष्मकालीन घरों में प्रवास करने के लिये वन गुर्जरों के अधिकार का समर्थन करता है। उच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) का भी जिक्र किया। उत्तराखंड में स्थित अन्य संरक्षित क्षेत्र → जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान)। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान जो यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान। गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान। नंधौर वन्यजीव अभयारण्य।
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