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मध्य प्रदेश
ओड़िशा
हाल ही में ओडिशा राज्य वन विभाग द्वारा जारी नवीनतम पशुगणना के आँकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों में ओडिशा में कृष्णमृग या काले हिरण (Blackbuck) की आबादी दोगुनी हो गई है। यह भारत और नेपाल में मूल रूप से निवास करने वाली मृग की एक प्रजाति है, जिसे ‘भारतीय मृग’ (Indian Antelope) के नाम से भी जाना जाता है। ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और अन्य क्षेत्रों में (संपूर्ण प्रायद्वीपीय भारत में) व्यापक रूप से पाए जाते हैं। इसे चीते के बाद दुनिया का दूसरा सबसे तेज़ दौड़ने वाला जानवर माना जाता है। यह आंध्र प्रदेश, हरियाणा और पंजाब का राज्य पशु है। यह हिंदू धर्म के लिये पवित्रता का प्रतीक है क्योंकि इसकी त्वचा और सींग को पवित्र अंग माना जाता है। बौद्ध धर्म के लिये यह सौभाग्य (Good Luck) का प्रतीक है। संरक्षण स्थिति → वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 » अनुसूची-I आईयूसीएन (IUCN) में स्थान » कम चिंतनीय (Least Concern) CITES » परिशिष्ट-III संबंधित संरक्षित क्षेत्र → वेलावदर कृष्णमृग अभयारण्य » गुजरात प्वाइंट कैलिमेर वन्यजीव अभयारण्य » तमिलनाडु वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने प्रयागराज के समीप यमुना-पार क्षेत्र में कृष्णमृग संरक्षण रिज़र्व स्थापित करने की योजना को मंज़ूरी दी। यह कृष्णमृग को समर्पित पहला संरक्षण रिज़र्व होगा।
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