स्टील
शिपिंग
ग्रीन हाइड्रोजन
उपर्युक्त सभी
हाल ही में विश्व के राष्ट्रों के नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों (स्टील, शिपिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और प्रकृति सहित) में प्रगति का प्रदर्शन करने के लिये क्लाइमेट ब्रेकथ्रू समिट की बैठक बुलाई।
यह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, मिशन पॉसिबल पार्टनरशिप, यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चैंपियंस और यूनाइटेड किंगडम (COP 26 प्रेसीडेंसी) के बीच एक सहयोग है।
इसका उद्देश्य ज़ीरो-कार्बन अर्थव्यवस्था के लिये वैश्विक पहुँच बढ़ाने हेतु संरचनात्मक परिवर्तन की आवश्यकता को प्रदर्शित करना है।
‘ज़ीरो-कार्बन अर्थव्यवस्था’ न्यून ऊर्जा खपत और न्यून प्रदूषण के आधार पर हरित पारिस्थितिक अर्थव्यवस्था को संदर्भित करती है, जहाँ उत्सर्जन की आपूर्ति ग्रीनहाउस गैसों (नेट-ज़ीरो) के अवशोषण और उन्हें हटाने से होती है।
इसके प्रमुख अभियानों में से एक 'रेस टू ज़ीरो' (Race to Zero) अभियान है |
मर्स्क (Maersk), विश्व की सबसे बड़ी कंटेनर शिपिंग लाइन और पोत संचालक है जो वर्ष 2030 तक उत्सर्जन को आधा करने की प्रतिबद्धता के साथ रेस टू ज़ीरो अभियान में शामिल हो गया।
भारी उद्योग (एल्यूमीनियम, कंक्रीट एवं सीमेंट, रसायन, धातु-खनन, प्लास्टिक तथा स्टील) और हल्के उद्योग (उपभोक्ता वस्तु, फैशन, आईसीटी और मोबाइल तथा खुदरा वस्तु) दोनों को तकनीकी और आर्थिक रूप से डीकार्बोनाइज (Decarbonizing) करना सुनियोजित है।
1.ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन के लिये मराकेश (Marrakech ) पार्टनरशिप
2.रेस टू ज़ीरो अभियान (Race to Zero Campaign)
3.जलवायु महत्त्वाकांक्षी गठबंधन (Climate Ambition Alliance)
नोट :-
हाल ही में किस संस्थान ने अनुमान लगाया है कि 2021-25 के दौरान वैश्विक औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस पार कर सकता है - WMO
Climate Action Tracker विश्लेषण के अनुसार, वर्ष 2100 तक वैश्विक तापमान में कितनी वृद्धि होगी - 2.4%
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