सूरजपुर जिला मुख्यालय से लगभग 75 किमी. की दूरी पर ‘सीता लेखनी’ पहाड़ स्थित है।
ऐसी मान्यता है कि वनवास काल में भगवान श्रीराम, सीताजी एवं लक्ष्मण वन देवी की पूजा करने कुदरगढ़ में पहुंचे थो, उसी दौरान लक्ष्मण ने सीताजी को यहीं के पत्थरों में पढ़ना - लिखना सिखलाया था।
छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा 25 अप्रैल, 2017 को एक अधिसूचना जारी करके योग आयोग का गठन किया गया।
ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है।
इस मामले में हरियाणा दूसरा राज्य है।
ककसार नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर की मुड़िया (मुरिया) जनजाति का लोक नृत्य है।
इस नृत्य में मुड़िया जनजाति के लोग ‘लिंगादेव’ को प्रसन्न करने के लिए रातभर नृत्य एवं गायन करते हैं।
सरहलु त्यौहार, झारखंड क्षेत्र के उरांव, मुंडा और हो जनजातियों द्वारा मनाया जाता है।
यह प्रत्येक वर्ष हिंदू कैलेंडर के प्रथम माह ‘चैत्र’ में मनाया जाता है।
सरहुल से तात्पर्य वृक्षों की पूजा से है।
नारायणपुर का मड़ई सर्वाधिक प्रसिध्द है।
मड़ई, गोंड और उसकी उपजातियों का एक सांस्कृतिक मेला है, जिसकी उपयोगिता आर्थिक - सामाजिक महत्व की दृष्टि से भी होता है।
जनगणना 2011 के अनुसार, छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक साक्षर जनजाति उरांव है, जिसकी साक्षरता दर 68.9 प्रतिशत है।
तत्पश्चात बिंझवार (60.9%), कंवर (67.0%) का स्थान आता है।