Explanation:-
केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नई मजदूरी दरें अधिसूचित की गई हैं।
34 केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में से 21 को 5% से कम की बढ़ोतरी मिली है।
10 राज्यों को 5% की बढ़ोतरी दी गई है। मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
मजदूरी दरों में यह बदलाव ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया है। इन संशोधित दरों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005, धारा 6 की उप-धारा (1) के तहत अधिसूचित किया गया है।
1 अप्रैल से यह बदलाव लागू होंगे। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रम (Consumer Price Index-Agriculture Labour) में देखे गए परिवर्तनों के अनुसार, जो ग्रामीण क्षेत्रों की मुद्रास्फीति दर को दर्शाता है, के द्वारा मनरेगा मजदूरी निश्चित की जाती है।
गोवा ने सबसे अधिक 7.14% की वृद्धि के साथ 2022-23 में मजदूरी दर 315 रुपये प्रति दिन तय की गई है, जो 2021-22 में 294 रुपये प्रति दिन थी।
मेघालय में सबसे कम बढ़ोतरी 1.77% बढ़कर 230 रुपये प्रति दिन हो गई है जो पहले 226 रुपये प्रति दिन थी।
नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भी 2% से कम की वृद्धि की गई।
तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में यह वृद्धि 2 से 3% थी।
ओडिशा, महाराष्ट्र, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली में 3 से 4% की वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में मजदूरी में 4 से 5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
छत्तीसगढ़, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, केरल, लक्षद्वीप, गोवा और कर्नाटक में मजदूरी में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है।
सबसे अधिक मजदूरी वाले पांच केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में हरियाणा में 331 रुपये प्रति दिन, गोवा 315 रुपये, केरल 311 रुपये, कर्नाटक 309 रुपये और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 308 रुपये है।
पांच सबसे कम केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में त्रिपुरा 212 रुपये, बिहार 210 रुपये, झारखंड 210 रुपये, छत्तीसगढ़ 204 रुपये और मध्य प्रदेश 204 रुपये है।