भारत की ज्यादतर नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, जबकि कुछ नदियाँ जैसे- ताप्ती, साबरमती, लूनी, माही, नर्मदा, सोन, आदि नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं।
दूध गंगा नदी जम्मू-काशमीर में अवस्थित है।
यह झेलम नदी की सहायक नदी है, जो श्रीनगर के पास झेलम में मिलती है।
इसका पानी बिल्कुल सफेद रंग का है शायद इसलिए इसका नाम दूध गंगा रखा गया।
हिमालय की सभी श्रेणियों को काटने वाली नदी सतलज है।
इसका उद्गम राकास ताल से होता है।
इसपर भाँखड़ा बाँध निर्मित है।
शिपकीला दर्रे के निकट यह हिमाचल प्रदेश में प्रेवेश करती है।
गोदावरी भारत की सबसे लंबी प्रायद्वीपीय नदी है।
इसे ‘वृद्ध गंगा’ के उपनाम से जाना जाता है।
यह पश्चिम घाट में नासिक के नीचे एक झरने से निकलती है।
इसकी सहायक नदी इंद्रावती, मंजरा, सबरी, पेनगंगा, आदि
गोदावरी भारत की सबसे लंबी प्रायद्वीपीय नदी है।
इसे ‘वृद्ध गंगा’ के उपनाम से जाना जाता है।
यह पश्चिम घाट में नासिक के नीचे एक झरने से निकलती है।
इसकी सहायक नदी इंद्रावती, मंजरा, सबरी, पेनगंगा, आदि
गोदावरी भारत की सबसे लंबी प्रायद्वीपीय नदी है।
इसकी लम्बाई 1465 किमी. है।
इसे ‘वृद्ध गंगा’ के उपनाम से जाना जाता है।
यह पश्चिम घाट में नासिक के नीचे एक झरने से निकलती है।
इसकी सहायक नदी इंद्रावती, मंजरा, सबरी, पेनगंगा, आदि
महानदी छत्तीसगढ़ बेसिन से निकलती है।
यह छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है।
प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था।
महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है।
यह उड़ीसा में कई धाराओं में बंटकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
दक्षिण भारत की नदियाँ प्रमुख रूप से वृक्षनुमा अपवाह तंत्र रखती हैं।
भारतीय प्रायद्वीप की नदियाँ हिमालय की तुलना में अधिक पुरानी हैं।
यह प्रायः प्रौढ़ावस्था को प्राप्त कर चुकी हैं।
अमरकंटक शिखर, मैकाल श्रेणी का सबसे ऊंचा शिखर है।
यह अनूपपुर जिले (मध्य प्रदेश) में अवस्थित है।
यहीं से नर्मदा नदी, सोन नदी, वेनगंगा, महानदी, जोहिली, लावा नदी निकलती है।
यहाँ गोंड जनजाति का निवास क्षेत्र भी है।
सिंधु हिमालयी नदी है, जबकि नर्मदा, ताप्ती और महानदी प्रायद्वीपीय नदियाँ हैं।
हिमालयी नदियाँ बड़े डेल्टा, ज्यादा जल ग्रहण क्षेत्र, अधिक लम्बी, सिंचाई की ज्यादा संभानाएँ होती है, जबकि प्रायद्वीपीय नदियों में कम होता है।