जन आक्रोश
सैनिक असंतोष
ईसाई मिशनरी का प्रबंध
ब्रिटिश साम्राज्य की नीति
पूर्व में बंगाली एवं उड़िया
गोरखा, सिक्ख एवं पंजाबी उत्तर प्रांत से
मद्रास प्रेसिडेंसी एवं मराठा
उत्तर प्रदेश एवं बिहार के ब्राम्हण
हंटर आयोग
साइमन कमीशन
पील आयोग
पब्लिक सर्विस आयोग
ब्रिटिश इतिहासकारों ने इसे स्वाधीनता का संग्राम कहा ।
इसने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की शासन प्रणाली को मृतप्राय बना दिया ।
यह क्रांति भारत में प्रशासनिक तंत्र को सुधारने हेतु की गई थी -
भारतीय इतिहासकारों ने इसे भारतीय विद्रोह के रुप में वर्णित किया है -
31 दिसंबर 1857
17 नवंबर 1859
6 जनवरी 1958
1 नवंबर 1858
ताराचंद से
आर. सी. मजूमदार से
वी. डी. सावरकर से
एस. एन. सेन से
वी.डी. सावरकर
ताराचंद्र
आर.सी.मजूमदार
एस. एन. सेन